Monday, May 26, 2014

रिमोट कण्ट्रोल ईज मिस्सिंग ... लापता की खोज

चुनावी मौसम का असर चारों तरफ तपती धूप की तरह महसूस की जा सकती थी I बच्चे-बच्चे के जुबान से इस बार नेता जी का नाम सुना जा रहा था,देखते ही देखते
चुनावी गहमा गहमी परिणाम के दिन मे बदल जाया I सारे देश के दिगाजो की किस्मत का पिटारा खुलने वाला था I मैंने बाहर का सारा काम छोड़ टी.वी नामक बक्से के आगे आंखे गड़ाकर बैठने का फेसला कर लिया था I परिणाम सुनने की बेताबी सड़क पर भी नज़र आ रही थी, खाली सुनी सडक इस बात को समझने के लिए पर्याप्त संकेत दे रही थी, सभी आम लोग पिटारे के जिन को देखना चाहते थे I जल्दी ही धीरे-धीरे देश के करता-धर्ताओं का भविष्य नज़र आने लगा “टी.वी” आधुनिक युग का “संजय” लगने लगा था जैसे संजय हस्तिनापुर में बैठे-बैठे कुरुक्षेत्र में हो रहे युद्ध को देखकर धृतराष्ट्र को युद्ध का हाल बताता था वैसे ही टी.वी नामक यंत्र हमें चुनावी हाल बता रहा था मेरे मन में अचानक सवाल उठा की यहाँ धृतराष्ट्र कौन है?,फिर लगा की आज के लिए ये गंभीर विषय नहीं है की धृतराष्ट्र कौन है?

चारो तरफ बिखरी खबरों में मुख्य चर्चा का विषय था सुनामी का आना, इतिहासकार कहते है की पिछले तीस साल में देश में पहली बार ऐसा हुआ है की किसी पार्टी को पूरा बहुमत मिला हो I अब आप कहेगे ये तो सब जानते है,तो मैं आपकी बातो से सहमत हूँ I
अब सवाल यहाँ उठाता है की मतदाता का मत इतना बदल कैसा सकता है I इस सवाल का  हिसाब-किताब मेरे बस की बात नहीं थी, तो मैंने सोचा लोगो से बात की जाए और खासकर उनसे जिन्हें वोटर बैंक कहा जाता है I इसी सिलसिले में एक ग्रामीण महिला से बात करके पता चला की उसके दस लोग के परिवार ने मिलकर लगभग अठाहरा वोट दिया है I मैंने यह सुनते ही सवाल दाग दिया इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम में ऐसा कैसे किया जा सकता है ,उनसे बताया हमें कहा गया था हमने किया,इसके बाद मेरा दूसरा सवाल था तो ज्यादा वोट किसे दिया आपके परिवार ने? “वोट हमने अपने नेता को भी दिया पर काम क्यूंकि सब को पता था की इस बार नेता जी को ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद नहीं है I ’सरकार बनाने के लिए वो ज़रूर केंद्र के सरकार से मिल जाएगे, उसने जबाब दिया और अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहने लगी ‘जब से देल्ही मे वो सरकार बैठी है महगाई-महगाई की तरह भाग रही है’,दस साल पहले चीनी का दाम और अभी का दाम कितना बढ़ गया है I वो अपनी बात कही जा रही थी;  ‘ये सरकार बस नौकरी करनेवाले का वेतन बढ़ा रही है और उसका नुकसान हम मजदूरों को उठाना पड़ता है इसलिए अपने नेता जी के लक्षण पहचान कर उन्हें वोट कम दिया जिसका बोल- बाला था उसे वोट मिला आखिर में उसने एक बात को जोर देकर कहा ‘देश की जनता की फिक्र विदेशी को कैसे होगी’? उसके सवाल का जबाब मेरे पास नहीं था मेरी चुपी से वो समझ गई I

सवालो के जबाब जानने के क्रम में मेरे ड्राईवर ने भी अपने मत रखा उसने इससे पहले की सरकार के गिरने का कारण भी बताया उसने बताया की, जिस किसी सरकार ने धर्मं के काम में रोक डाली वो गिर गई I पहली सरकार के लोगो ने एक मंदिर का स्थान बदल दिया था,और इस सरकार ने समय से पहले माता का विसर्जन करा दिया इसलिए नेता जी को वोट नहीं मिले है लोगो से बात करके इतनी तो समझ बनी थी,की ग्रामीण जनता के पास अपने तर्क और कारण है सरकार बनाने या गिराने के I
चुनाव के दो दिन बीत जाने के बाद देल्ही से उड़ती-उड़ती ख़बर आने लगी थी की केंद्र का रिमोट कंट्रोल डिवाइस खो गया है I मैंने खबर की पुष्टि के लिए न्यूज चेनलों और अखबारों की खाक छानी पर कुछ नहीं मिला अब मेरे सामने सवाल था, की किस रिमोट कंट्रोल डिवाइस की बात लोग हँसी-मजाक में कर रहे है? ‘तो फिर मेरे अंदर का फालतू शोधक खुजली करने लगा’ खोज के लिए  मुझे अपने देश से बहुत दूर जाना पड़ा पर कुछ भी हाथ न लग बस एक लोक प्रचलितं कहानी सुनाने को मिली उसे पढ़कर आप भी अपना सामान्य ज्ञान को चोपट कर सकते है, तो कहानी ये है की I


अंतरीक्ष में रुसी अन्तरिक्ष यात्री(खगोली यात्री) को एक एलियन मिला उसके पास एक डिवाइस(यंत्र) था ,जिसे रुसी अंतरिक्ष यात्री ने एलियन से छीन लिया, उस यंत्र की खसियत थी की उससे इंसान को कंट्रोल किया जाया जा सकता था,पर उसमे एक खामी थी की डिवाइस से केवल पास खड़े इन्सान को ही कंट्रोल किया जा सकता था,इसलिए रूसी लोग सोचने लगे इसका प्रयोग कहाँ किया जाए I तभी रुसी लोगो को पता चला की पास के देश में उनकी देश की लड़की ने बहुत नाम कमाया है I उसे समानित करने के लिए एक सहमति बनी,उस रुसी लड़की को देश का सबसे बड़ा सम्मान दिया गया और उस यंत्र(डिवाइस) को प्रयोग में लाने के लिए उसे सौप दिया गया I लोककथा इससे से आगे की कहानी भी बताती है I

जब उस लड़की ने अपने ससुराल में जाकर सता संभाली तो,खुद जद्दी में न बैठकर ऐसे आदमी को गद्दी पर बैठाया जिसने कभी कही से भी राज्य नहीं किया था,क्यूंकि लड़की को अपने विदेशी होने के कारण जनता द्वारा अस्वीकार किये जाने का डर था I इसलिए उसने ऐसा किया और राज्य करने लगी रिमोट कंट्रोल डिवाइस अपना काम बखूबी तरीके से कर रहा था, और दस साल के राज्य के बाद वो दिन आया जिसे चुनाव कहते है परिणाम का भी दिन आ गया रिमोट कंट्रोल की सरकार हवा होगई परिणाम के दो दिन के बाद देल्ही में हंगामा सुनाने में आया की रिमोट कंट्रोल खो गया है I

अब रिमोट कंट्रोल की तलाश में देश की सीबीआई आदि तंत्र को खोज में लग गए बहुत ढूढने के बाद रिमोट कण्ट्रोल नहीं मिला,तभी एक साधारण आदमी ने सबको बताया की खबरे आ रही है की अपनी हार से बोखलाए मंत्री ने इस्तीफा दे दिया और किस को अपना पद दे दिया है I
इस घटना के बाद बात कुछ-कुछ समझ में आने लगी की थी बुद्धिमान आम जनता को, अब देखना बाकि है की  रिमोट कंट्रोल का इस्तमाल कैसे होता है?



अपनी खुशियां को पहचानो -दीपक कुमार

 चेतन मन की जागृति स्वयं को जानने का मार्ग आपको यह मानो वैज्ञानिक तथ्य जानकर यह हैरानी होगी की हमारा जो दिमाग है, इसे बदलाव पसंद नही है, थोड...