Everyone does have a book in them. Here is few pages of my life, read it through by my stories,poetry and articles.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अपनी खुशियां को पहचानो -दीपक कुमार
चेतन मन की जागृति स्वयं को जानने का मार्ग आपको यह मानो वैज्ञानिक तथ्य जानकर यह हैरानी होगी की हमारा जो दिमाग है, इसे बदलाव पसंद नही है, थोड...
-
तूने खूब रचा भगवान् खिलौना माटी का इसे कोई ना सका पहचान खिलौना माटी का वाह रे तेरा इंसान विधाता इसका भेद समझ में ना आता धरती से है इसका ना...
-
मेरे सपनो को जानने का हक रे क्यों सदियों से टूट रही है इनको सजने का नाम नहीं मेरे हाथों को जानने का हक रे क्यों बरसों से खली पड़ी हैं इन्हें...
-
तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ समझ न इनको वस्त्र तू ये बेड़ियां प...
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 31 जुलाई 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजी रिंकी जी। आपके ब्लॉग पर मेरी सबसेपसंदीदा रचना। ईश्वर दूसरों के प्रति सद्भावना में ही तो बसता है। दूसरों के लिए अच्छा सोचना एसऔर करना ही उसकी सच्ची आराधना है। जिसमें उसका अस्तित्व व्याप्त हो वह व्यक्ति सुखी सच्ची सद्भावना से भरा होता है।
ReplyDelete