विद्या, बुद्धि,संस्कार और समझदारी देने वाली माँ सरस्वतीमैं अपने करजोड़ तुझसे क्षमा चाहती हूँ |तेरे तिरस्कार,अपमान के लिएसरस्वती पूजन में बजाए जाने वाले अश्लील संगीतकान-फोडू अभद्र गानों के लिए|आदर और सम्मान के स्थान पर मोज-मस्तीनेतिकता को तक पर रख देने वाले वाहियातनंगा नाच करते बच्चो के तरफ सेसब चलता है, संस्कृति को मानाने वालेसमाज के लोगो,माता-पिता जो कुछ ना कहा करइस अश्लील प्रथा को स्वकृति देने वाले |पुलिस,प्रशासन के गुगेपन और बहरेपन के लिएक्षमा प्रार्थी हूँ |मैं सोचती हूँ, जिस देश के करोड़ो बच्चेशिक्षा से दूर है,जिस देश के बच्चे त्यहारो के नाम परजबरजस्ती चंदा वसूलते है |जीवन के कीमती समय को त्यहारो के नाम पर व्यर्थ करते है |किसी रीती-रिवाज का मूल अर्थ जाने बिना सिर्फ उसे मानते है|मनोरंजन के नाम पर विदेशो द्वारा फलाए बाजारवाद में फसे जाते हैउस देश में इतने ताम-झाम सेविद्या दाती सरस्वती को पूजने का क्या महत्व रह जाता है?हे विद्या दाती, दे दे कुछ विवेक हमें सही- गलत में भेद करे|साहस दे बड़ो को गलत को रोक सके|बुद्धि दे बच्चो को सरस्वती का असली मंत्र समझ सके|
Rinki
Everyone does have a book in them. Here is few pages of my life, read it through by my stories,poetry and articles.
Sunday, January 25, 2015
सरस्वती वंदना
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मेहरम
चुप ने ऐसी बात कही खामोशी में सुन बैठे साथ जो न बीत सके हम वो अँधेरे चुन बैठे कितनी करूं मैं इल्तिजा साथ क्या चाँद से दिल भर कर आँखे थक गय...
-
तूने खूब रचा भगवान् खिलौना माटी का इसे कोई ना सका पहचान खिलौना माटी का वाह रे तेरा इंसान विधाता इसका भेद समझ में ना आता धरती से है इसका ना...
-
मेरे सपनो को जानने का हक रे क्यों सदियों से टूट रही है इनको सजने का नाम नहीं मेरे हाथों को जानने का हक रे क्यों बरसों से खली पड़ी हैं इन्हें...
-
तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ समझ न इनको वस्त्र तू ये बेड़ियां प...
No comments:
Post a Comment
Thanks for visiting My Blog. Do Share your view and idea.